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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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पैसा हो पैसा

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चंद्रमोहन शर्मा

सीमित बजट और
नई स्टार कास्ट के साथ बनी 'पैसा हो पैसा' हिंदी में रिलीज होने से पहले तमिल और तेलुगू में भी रिलीज हो चुकी है। साउथ में बनी फिल्मों का लुक और अलग स्टाइल हिंदी में डब इस फिल्म में भी साफ नजर आता है। ऐसे में कमजोर निर्देशन, लचर स्क्रिप्ट के साथ-साथ कमजोर किरदार इस फिल्म को और कमजोर बनाते हैं।

कहानी : अश्विन इंजिनियरिंग का स्टूडेंट है। एक दिन अश्विन की मुलाकात खूबसूरत भूमिका से होती है। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों एक-दूसरे को चाहने लगते हैं। अश्विन एक मिडिल क्लास फैमिली से है लेकिन बेहद कम वक्त में ज्यादा-से-ज्यादा कमाई करना चाहता है। एक दिन अश्विन और उनके दोस्तों को एक ऐसा केमिकल मिलता है, जिसके दम पर वे लोग करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। यह एक ऐसा केमिकल है, जो किसी पर छिड़क दिया जाए तो वह गायब हो जाता है। इस केमिकल के हाथ लगने के बाद वे सभी मुसीबत में फंस जाते हैं। पुलिस, गैंगस्टर्स, सीबीआई, सभी अश्विन और उसके साथियों के पीछे पड़ जाते हैं।

ऐक्टिंग : लीड रोल में विवेक एंथनी अपने किरदार में फिट हैं। ध्रुव भंडारी और मडाल्सा के हिस्से में कुछ करने को खास नहीं था। कनिष्का सोनी अपने रोल में फिट हैं और कई सीन्स में मडाल्सा पर भारी पड़ी हैं।

निर्देशन : लगता है निर्देशक के. एस. मजाज डायरेक्टर की कुर्सी पर बस आराम फरमाते रहे। कमजोर कहानी और लचर निर्देशन के चलते दो घंटे से भी कम अवधि की यह फिल्म कहीं बांध नहीं पाती।

संगीत : फिल्म में ऐसा कोई एक गाना नहीं, जो हॉल से बाहर आने के बाद आप गुनगुना सकें।

क्यों देंखे : फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो हम आपसे इसे देखने की सलाह दें। फिर भी आप एक ऐसी जर्नी पर जाना चाहते हैं, जिस पर चलने वालों को भी नहीं मालूम कि वे कहां जा रहे हैं तो अपने बूते पर इस फिल्म को देखने जाएं।

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