Quantcast
Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
Viewing all articles
Browse latest Browse all 508

नानक शाह फकीर

$
0
0

पिछले साल के आखिर में रिलीस हुई पंजाबी फिल्म 'चार साहबजादे' ने बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी का नया इतिहास रचा। करीब सौ दिनों तक कई सिनेमाघरों में लगातार चली इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत से करीब 10 गुणा ज्यादा कमाई करके ट्रेड पंडितों को हैरान कर दिया था। इतना ही नहीं इस फिल्म की रिलीस से पहले और बाद किसी तरह का कोई विरोध भी नहीं हुआ। दूसरी ओर आज रिलीस हुई फिल्म 'नानक शाह फकीर' बनने के बाद उस वक्त विवादों में फंस गई जब मीडिया में खबर आई कि इस फिल्म में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के परिवार के सदस्यों और भाई मरदाना के किरदारों को बॉलिवुड के कलाकार निभा रहे हैं।

यहीं से शुरू हुआ यह विवाद अब इस कद्र हावी हो गया है कि फिलहाल पंजाब सरकार ने इस फिल्म को राज्य में पूरी तरह से बैन कर दिया है। वैसे, दिल्ली, हरियाणा और दूसरे प्रमुख राज्यों के साथ ही दुनिया के कई देशों में आज ही इस फिल्म को रिलीस किया गया। प्रॉडक्शन कंपनी ने फिल्म बनाने से करीब डेढ़ साल पहले ही सब्जेक्ट और फिल्म के दूसरे पक्षों पर रिसर्च शुरू कर दी थी। साथ ही उन पक्षों पर भी पूरा होमवर्क किया जो फिल्म को विवादों में ला सकती थी।

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जीवनी पर आधारित इस फिल्म में गुरु नानक देव के महान कामों को दिखाया गया है। मीडिया में यह फिल्म उस वकत भी सुर्खियों में रही जब जाने माने ऑस्कर अवार्ड विनर ए आर रहमान ने इस फिल्म के प्रोमोज को देखने के बाद इस फिल्म को बेहतरीन और सिख धर्म की महानताओं की ऐसी डिक्शनरी बताया जिसे हर किसी को देखना चाहिए। प्रॉडक्शन कंपनी ने इस मेगा बजट फिल्म पर दिल खोलकर पैसा लगाया है। भाई मरदाना के साथ गुरू नानक देव जी की करीब चालीस हजार किमी की यात्रा को भी इस फिल्म में डायरेक्टर ने भाई मरदाना के नजरिए से पेश किया है।

सिख धर्म के 500 साल से भी ज्यादा पुराने इतिहास पर आधारित इस फिल्म में गुरु नानक के जीवन और सिद्धांतों के साथ ही उनके महान कार्यों को भी विस्तार से बताया गया है। ऐसा लगता है फिल्म की प्रॉडक्शन कंपनी को पहले से इस बात की कहीं ना कहीं भनक थी कि फिल्म रिलीस के वक्त पर उनकी यह मेगा बजट विवादों के ऐसे चक्रव्यूह में फंस सकती है जहां से बाहर आना आसान नहीं होगा। इसी वजह से डायरेक्टर ने अपनी इस फिल्म में गुरू नानक देव जी के प्रति ज्यादा सम्मान देने के मकसद से उनके चेहरे को कंप्यूटर ग्राफिक्स के जरिए प्रकाश पुंज के रूप में दर्शाया है। वैसे भी सिख धर्म की मान्याताओें के मुताबिक बाबा नानक देव जी का किरदार कोई कलाकार निभा नहीं सकता।

आरिफ ज़कारिया ने फिल्म में मरदाना का किरदार निभाया है। आदिल हुसैन और पुनीत सिक्का अहम रोल में हैं। फिल्म में ए आर रहमान ने बेहतरीन बैकग्राउंड स्कोर दिया है। फिल्म के साउंड डिजाइनर ऑस्कर अवॉर्ड विजेता रेसुल पोकुट्टी ने अपने काम को बखूबी निभाया है। फिल्म का संगीत उत्तम कुमार ने दिया है। ख्याति प्राप्त सिंगर पंडित जसराज और भाई निर्मल सिंह की आवाज में शबद और गुरूबाणी का निर्देशक ने फिल्म के माहौल के मुताबिक प्रयोग किया है। फिल्म के सिनेमेटोग्राफर हैं- नैशनल अवॉर्ड विजेता ए के बीर, जिन्होंने लेह-लदाख से लेकर मांडवी नदी और दूसरी आउटडोर लोकेशन्स को अपने कैमरे में कैद कर पर्दे पर ऐसे बेहतरीन ढंग से उतारा है कि आप देखते रह जाएंगे।

प्रड्यूसर हरिंदर सिक्का की तारीफ करनी होगी जिन्होंने क्लाइमैक्स में फिल्माए गए मुगलों के हमलों के सीन्स पर दिल खोलकर पैसा लगाया है। लेह की बफीर्ली वादियों में माइनस 20 डिग्री से भी कम तापमान में फिल्म के कई सीन्स को शूट किया गया। तो वहीं फिल्म के कुछ सीन्स में एक हजार से डेढ हजार तक जूनियर आर्टिस्टों ने हिस्सा लिया। अगर विवादों से दूर हटकर इस फिल्म के बारे में कहा जाए तो फिल्म गुरू नानक देव के विचारों और उनकी शिक्षाओं को दुनिया भर में पहुंचाने का एक अच्छा प्लेटफार्म बन सकती है। अगर आप गुरू नानक देव और सिख धर्म की महानता को और ज्यादा जानना चाहते हैं तो नानक शाह फकीर आपके लिए है। वहीं, ताज्जुब होता है ऐसी बेहतरीन फिल्म को ना जाने क्यों राज्य सरकारें टैक्स फ्री करने से कतराती हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 508

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>