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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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मूवी रिव्‍यू: इत्तु सी बात

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हिंदी फिल्मों में छोटे कस्बे की कहानियां खूब चल रही हैं और उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए निर्माता लक्ष्मण उतेकर और निर्देशक अदनान अली छोटे कस्बे के निम्न वर्गीय परिवेश में छोटे बजट के साथ नए चेहरों के साथ प्रस्तुत हुए हैं अपनी फिल्म इत्तु सी बात के साथ। निर्देशक ने अपनी स्टोरी टेलिंग के जरिए मासूमियत भरे पुराने जमाने के प्यार को दर्शाने की कोशिश की है, मगर कहानी के आगे बढ़ने के साथ प्यार मासूमियत को खोकर बचकाने पन में बदल जाती है और अपना असर खो देती है।

Ittu Si Baat की कहानी
वाराणसी ले पास चुनार नामक गांव में बिट्टू शुक्ला (भूपेंद्र जाड़ावत) एक फाकामस्ती में रहने वाला लड़का है। कामकाज के मामले में फिसड्डी है, मगर क्रिकेट में विराट कोहली का शागिर्द है। वह स्कूल के जमाने से ही सपना (गायत्री भारद्वाज) को प्यार करता है, मगर अपने दिल की बात उसे कभी कह नहीं पाया है। एक दिन उसे पता चलता है कि अगर वह अपने एकतरफा प्यार सपना को आई फोन गिफ्ट कर दे, तो वह सरेआम उसे आई लव कह देगी। बस फिर क्या था, बिट्टू एक सच्चे आशिक की तरह अपनी प्रेमिका के मुंह से प्यार का इजहार करवाने के लिए वह तरह-तरह के पापड़ बेलता है। बिट्टू का भोलापन तो देखिए, उसे ये पता ही नहीं कि आईफोन लाख रुपये से भी ज्यादा का आता है, तो सबसे पहले वह अपनी दादी (फरीदा जलाल) की गुल्लक तोड़ता है, जिसमें से कुछ हजार रुपए निकलते हैं, फिर वह यार दोस्तों से उधार लेता है, क्रेडिट कार्ड का जुगाड़ लगाने की कोशिश करता है, उर्स के बहाने मुस्लिम बहुल इलाके से चंदे के पैसे इकट्ठे करता है, सपना को चाहनेवाले लड़के विकी शर्मा (प्रियांश जोरा) की मार भी खाता है। असल में दिलफेंक हैंडसम विकी आकर्षक गिफ्ट देकर लड़कियों को पटाने में माहिर है। यहां बिट्टू पैसे जमा करने के लिए विराट के ऑटोग्राफ वाले अपने क्रिकेट के बल्ले को भी बेच देता है, इसके बावजूद जब वह सवा लाख इकट्ठे नहीं कर पाता, तो उसकी बहन अपनी शादी के लिए रखे गए पैसे उसे लाकर देती है, ताकि भाई को उसका प्यार मिल सके। असल में बिट्टू की बहन की शादी मोटे दहेज के कारण नहीं हो पा रही है। क्या बिट्टू आईफोन ले पाता है? क्या सपना भी उससे प्यार करने लगती है? इन सभी सवालों के जवाब आपको फिल्म में मिलेंगे।

'इत्तु सी बात' का ट्रेलर

'इत्तु सी बात' का रिव्‍यू
छोटे शहर की यह कहानी जब शुरू होती है, तो वहां के माहौल के हिसाब से काफी प्रासंगिक लगती है। फिल्म में किरदारों के जरिए हंसी-मजाक और ठट्ठा भी खूब है। बिट्टू के घरवालों और दोस्तों का ट्रैक मजेदार है, मगर निर्देशक कॉन्सेप्ट के हिसाब से उस वक्त गलत साबित होते हैं, जब बिट्टू अपने प्यार को पाने के लिए बहन की शादी के पैसे ले लेता है। बहन की शादी इसलिए टूट रही है कि उसके परिवार वाले उसे दहेज में कार नहीं दे पा रहे, ऐसे में बिट्टू का बहन को ये कहना हजम नहीं होता कि अगर उसका मंगेतर उसे सच्चा प्यार करता है, तो वो कार का लालच नहीं करेगा, जबकि बिट्टू खुद अपनी प्रेमिका को आईफोन देने के लिए हदें पार का चुका है। फिल्म में ये भी दर्शाया गया है कि गांव-कस्बों में पढ़ाई-लिखाई के बजाय मोबाइएल क्रांति और लड़कों की नक्शेबाजी का ज्यादा है। फिल्म का संगीत औसत है। बजट कम होने के कारण फिल्म धारावाहिक का फील देती है। अगर इसे थिएटर के बजाय ओटीटी पर रिलीज किया जाता, तो कास्ट और क्रू को ज्यादा फायदा होता।

नवोदित भूपेंद्र जड़ावत ने बिट्टू के चरित्र को खूबसूरती से निभाया है, मगर उनकी भूमिका की भावनात्मक कमजोरियों के कारण चरित्र मजबूत बनने से चूक गया है। सपना के रूप में गायत्री क्यूट लगी हैं। फरीदा जलाल जैसे अनुभवी और सीनियर अभिनेत्री को जाया कर दिया गया है। विकी के रूप में प्रियांश जोरा जमे हैं, जबकि सोनाली सचदेव, अतुल श्रीवास्तव और नीरज सूद ने अच्छा काम किया है।

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