'इंसान या तो शादीशुदा हो सकता है या खुशहाल हो सकता है, दोनों कभी नहीं हो सकता' निर्देशक राज मेहता की फिल्म 'जुग जुग जियो' में शादी से जुड़ा यह डायलॉग भले मजाकिया अंदाज में आता है, मगर यह सवाल जरूर दे जाता है कि कौन-सी शादी परफेक्ट होती है? वह जो लंबे प्यार-रोमांस के बाद एक-दूसरे को परखने के बाद की जाती है, लव मैरिज या फिर घरवालों की पसंद से की गई अरेंज मैरिज? या फिर महज सेटल होने के लिए किया गया विवाह? शादी, रिश्तों की उलझन और तलाक जैसे मुद्दों पर बॉलिवुड में कई साल से फिल्में बनती आ रही हैं, मगर डायरेक्टर राज मेहता ने इस संवेदनशील विषय को कॉमिडी, इमोशन और थोड़ा नाटकीय बना कर इस ढंग से परोसा कि फिल्म हंसते-खेलते कई मुश्किल सवालों के जवाब दे जाती है।
'जुग जुग जियो' की कहानी
कनाडा में बाउंसर का काम करने वाले कुक्कू (वरुण धवन) और एचआर डिपार्टमेंट में ऊंची पोस्ट पर काम करने वाली नैना (कियारा आडवाणी) की शादी टूटने की कगार पर है। हालांकि ये वही आइडल लव बर्ड्स हैं, जिनका प्यार स्कूल में परवान चढ़ा और जवान होते-होते दोनों प्यार से शादी के बंधन में बंध गए थे। मगर शादी के पांच साल में बहुत कुछ बदल गया है और दोनों के बीच की दूरी खाई बन चुकी है। दोनों अपने परिवार को अपने तलाक लेने के मुश्किल फैसले के बारे में बताना चाहते हैं, मगर इधर पंजाब में कुक्कू की बहन गिन्नी (प्राजक्ता कोली) की शादी है और तब ये दोनों तय करते हैं कि शादी तक वो एक खुशहाल कपल होने का नाटक करेंगे। कहानी उस वक्त एक नाटकीय मोड़ ले लेती है, जब कुक्कू को पता चलता है कि उसके पिता भीम (अनिल कपूर) उसकी मां गीता (नीतू कपूर) के साथ अपनी 35 साल की आदर्श कहलाने वाली शादी को तोड़कर अपने प्यार टिस्का चोपड़ा के साथ जाना चाहते हैं।
'जुग जुग जियो' का ट्रेलर
कहानी में एक पेंच और भी है। जिस शादी को लेकर गिन्नी इतनी जोशीली दिखती है,असल में वह भी किसी और से प्यार करती हैं, मगर परिवार की इज्जत और अपने सेटल होने की उम्मीद में वह अरेंज मैरिज के लिए राजी हो जाती है। इन सब मुश्किलों के बीच परिवार में उस वक्त तूफान आ जाता है, जब सभी किरदारों को एक-दूसरे की शादी की असलियत पता चलती है। समाज और दुनिया के लिए आदर्श दिखने वाली इन शादियों का अंत क्या होता है? क्या भीम अपनी प्रेमिका के पास जा पाता है? क्या गिन्नी घरवालों के सामने अपने प्यार का खुलासा कर पाती है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
'जुग जुग जियो' का रिव्यू
रिश्तों की दरार और तलाक के मुद्दे पर जब फिल्म की शुरुआत होती है, तो मन में यह सवाल जरूर उठता है कि निर्देशक राज अगले पड़ाव में क्या नया परोसेंगे? मगर फिर यह कहानी रिश्तों के ताने-बानों के साथ कई दिलचस्प मोड़ लेती है। कहानी में पत्नी के ज्यादा कमाने पर पति के अहम को पहुंचने वाली ठेस, शादी के बाद मां बनने का प्रेशर, शादी के बाद सब सही हो जाएगा वाली सोच, सेटल होने के लिए की जाने वाली शादी जैसे कई जरूरी मुद्दों को ह्यूमरस अंदाज में पेश करती है। फर्स्ट हाफ की तुलना में सेकंड हाफ ज्यादा मजबूत है। फिल्म की लंबाई थोड़ी कतरी जानी चाहिए थी। फिल्म में 'रिश्ता टूटने की कोई एक वजह नहीं होती, बहुत सी अधूरी लड़ाइयों की थकान होती है' जैसे सोच को इंस्पायर करने वाले डायलॉग हैं, वहीं दुनिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल पता है, कौन सा है? 'घरवाली', क्योंकि उसको बार-बार मनाना पड़ता है' जैसे वॉट्सऐप डायलॉग भी हैं। फिल्म के कॉस्ट्यूम और सेट की भव्यता देखते ही बनती है, मगर सिनेमैटोग्राफी औसत है। म्यूजिक की बात करें, तो 'नच पंजाबन' गाना म्यूजिक चार्ट पर काफी ऊपर है। 'रंगी सारी', 'दुपट्टा' और 'नैन ता हीरे' जैसे गाने भी शानदार हैं।
'जुग जुग जियो' में स्टार्स की ऐक्टिंग
ऐक्टिंग के मामले में अनिल कपूर मैदान मार ले जाते हैं। भीम के अतरंगी किरदार को उन्होंने खूब मजे से निभाया है और उसे दर्शक भी खूब इंजॉय करता है। अनिल कपूर के साथ -साथ नीतू कपूर भी जता देती हैं कि गैप के बावजूद उनके ऐक्टिंग टैलंट में कोई कमी नहीं आई। उनके हिस्से में कुछ दमदार सीन आए हैं और उन्हें वह सशक्त ढंग से निभा ले जाती हैं। ऐक्टिंग के मामले में अनिल और नीतू की जोड़ी अपने सालों के एक्सपीरियंस का परिचय देती है। कुक्कू के रूप में वरुण इमोशनल होने के साथ -साथ कॉमिक टाइमिंग के साथ भी न्याय करते हैं। कियारा फिल्म दर फिल्म निखरती जा रही हैं। खूबसूरत दिखने के साथ-साथ वह किरदार को मजबूती प्रदान करती हैं। उनके और वरुण के बीच का बहस वाला सीन परफॉर्मेंस के मामले में नहले पर दहला साबित होता है। गिन्नी के किरदार से अभिनय जगत में डेब्यू करने वाली यूट्यूबर प्राजक्ता कोली आत्मविश्वास से परिपूर्ण लगती है। मसखरे गुरप्रीत के रूप में मनीष पॉल अपने ओवर द टॉप किरदार में अपनी कॉमिडी से खासा मनोरंजन करते हैं।
क्यों देखें- कॉमिडी, इमोशन और ड्रामा से भरपूर इस पारिवारिक मनोरंजक फिल्म को परिवार के साथ देखा जा सकता है।
'जुग जुग जियो' की कहानी
कनाडा में बाउंसर का काम करने वाले कुक्कू (वरुण धवन) और एचआर डिपार्टमेंट में ऊंची पोस्ट पर काम करने वाली नैना (कियारा आडवाणी) की शादी टूटने की कगार पर है। हालांकि ये वही आइडल लव बर्ड्स हैं, जिनका प्यार स्कूल में परवान चढ़ा और जवान होते-होते दोनों प्यार से शादी के बंधन में बंध गए थे। मगर शादी के पांच साल में बहुत कुछ बदल गया है और दोनों के बीच की दूरी खाई बन चुकी है। दोनों अपने परिवार को अपने तलाक लेने के मुश्किल फैसले के बारे में बताना चाहते हैं, मगर इधर पंजाब में कुक्कू की बहन गिन्नी (प्राजक्ता कोली) की शादी है और तब ये दोनों तय करते हैं कि शादी तक वो एक खुशहाल कपल होने का नाटक करेंगे। कहानी उस वक्त एक नाटकीय मोड़ ले लेती है, जब कुक्कू को पता चलता है कि उसके पिता भीम (अनिल कपूर) उसकी मां गीता (नीतू कपूर) के साथ अपनी 35 साल की आदर्श कहलाने वाली शादी को तोड़कर अपने प्यार टिस्का चोपड़ा के साथ जाना चाहते हैं।
'जुग जुग जियो' का ट्रेलर
कहानी में एक पेंच और भी है। जिस शादी को लेकर गिन्नी इतनी जोशीली दिखती है,असल में वह भी किसी और से प्यार करती हैं, मगर परिवार की इज्जत और अपने सेटल होने की उम्मीद में वह अरेंज मैरिज के लिए राजी हो जाती है। इन सब मुश्किलों के बीच परिवार में उस वक्त तूफान आ जाता है, जब सभी किरदारों को एक-दूसरे की शादी की असलियत पता चलती है। समाज और दुनिया के लिए आदर्श दिखने वाली इन शादियों का अंत क्या होता है? क्या भीम अपनी प्रेमिका के पास जा पाता है? क्या गिन्नी घरवालों के सामने अपने प्यार का खुलासा कर पाती है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
'जुग जुग जियो' का रिव्यू
रिश्तों की दरार और तलाक के मुद्दे पर जब फिल्म की शुरुआत होती है, तो मन में यह सवाल जरूर उठता है कि निर्देशक राज अगले पड़ाव में क्या नया परोसेंगे? मगर फिर यह कहानी रिश्तों के ताने-बानों के साथ कई दिलचस्प मोड़ लेती है। कहानी में पत्नी के ज्यादा कमाने पर पति के अहम को पहुंचने वाली ठेस, शादी के बाद मां बनने का प्रेशर, शादी के बाद सब सही हो जाएगा वाली सोच, सेटल होने के लिए की जाने वाली शादी जैसे कई जरूरी मुद्दों को ह्यूमरस अंदाज में पेश करती है। फर्स्ट हाफ की तुलना में सेकंड हाफ ज्यादा मजबूत है। फिल्म की लंबाई थोड़ी कतरी जानी चाहिए थी। फिल्म में 'रिश्ता टूटने की कोई एक वजह नहीं होती, बहुत सी अधूरी लड़ाइयों की थकान होती है' जैसे सोच को इंस्पायर करने वाले डायलॉग हैं, वहीं दुनिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल पता है, कौन सा है? 'घरवाली', क्योंकि उसको बार-बार मनाना पड़ता है' जैसे वॉट्सऐप डायलॉग भी हैं। फिल्म के कॉस्ट्यूम और सेट की भव्यता देखते ही बनती है, मगर सिनेमैटोग्राफी औसत है। म्यूजिक की बात करें, तो 'नच पंजाबन' गाना म्यूजिक चार्ट पर काफी ऊपर है। 'रंगी सारी', 'दुपट्टा' और 'नैन ता हीरे' जैसे गाने भी शानदार हैं।
'जुग जुग जियो' में स्टार्स की ऐक्टिंग
ऐक्टिंग के मामले में अनिल कपूर मैदान मार ले जाते हैं। भीम के अतरंगी किरदार को उन्होंने खूब मजे से निभाया है और उसे दर्शक भी खूब इंजॉय करता है। अनिल कपूर के साथ -साथ नीतू कपूर भी जता देती हैं कि गैप के बावजूद उनके ऐक्टिंग टैलंट में कोई कमी नहीं आई। उनके हिस्से में कुछ दमदार सीन आए हैं और उन्हें वह सशक्त ढंग से निभा ले जाती हैं। ऐक्टिंग के मामले में अनिल और नीतू की जोड़ी अपने सालों के एक्सपीरियंस का परिचय देती है। कुक्कू के रूप में वरुण इमोशनल होने के साथ -साथ कॉमिक टाइमिंग के साथ भी न्याय करते हैं। कियारा फिल्म दर फिल्म निखरती जा रही हैं। खूबसूरत दिखने के साथ-साथ वह किरदार को मजबूती प्रदान करती हैं। उनके और वरुण के बीच का बहस वाला सीन परफॉर्मेंस के मामले में नहले पर दहला साबित होता है। गिन्नी के किरदार से अभिनय जगत में डेब्यू करने वाली यूट्यूबर प्राजक्ता कोली आत्मविश्वास से परिपूर्ण लगती है। मसखरे गुरप्रीत के रूप में मनीष पॉल अपने ओवर द टॉप किरदार में अपनी कॉमिडी से खासा मनोरंजन करते हैं।
क्यों देखें- कॉमिडी, इमोशन और ड्रामा से भरपूर इस पारिवारिक मनोरंजक फिल्म को परिवार के साथ देखा जा सकता है।
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