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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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मिस्टर एक्स

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चंद्रमोहन शर्मा

गायब हो जाने
वाले मिस्टर एक्स का बॉलिवुड से खास रिश्ता है, अशोक कुमार को लेकर साठ के दौर में इसी टाइटल से बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रेकॉर्ड कमाई की तो इसके बाद किशोर कुमार स्टारर मिस्टर एक्स इन मुंबई ने भी अच्छी-खासी कमाई की, इस फिल्म का एक गाना 'मेरे महबूब कयामत होगी' बरसों बाद भी म्यूजिक लवर्स की जुबां पर है। इस बार 3डी तकनीक में बनी इस फिल्म से दर्शकों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और किरदारों पर डायरेक्टर की कमजोर पकड़ के चलते नया मिस्टर एक्स कमजोर साबित होता है। हम यही सुनते और देखते आए हैं कि भगवान हमें दिखाई नहीं देता लेकिन भगवान का वर्चस्व हर कोई मानता है। आज भी भगवान आते हैं तो हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। इस बार डायरेक्टर विकम भट्ट ने इसी टॉपिक को चुना तो जरूर लेकिन अपनी कहानी के साथ दर्शकों को जोड़ने में काफी हद तक नाकाम रहे। हालिया दौर में अगर गायब हो जाने वाले हीरोज की फिल्मों की बात करें तो अस्सी के दशक की सुपरहिट मिस्टर इंडिया और रामू कैंप की गायब याद आती है। वहीं विक्रम भट्ट का नाम सुनते ही उनकी हॉरर मूवीज हॉन्टेड, राज, क्रीचर वगैरह याद आती है। इस बार कुछ नया अलग करने की चाह में विक्रम ने अपनी इस फिल्म को 3डी तकनीक में बनाया यही इस फिल्म का सबसे खास प्लस पॉइंट है।

कहानी: रघु राम राठौड़ (इमरान हाशमी) और सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। सिया के पिता पिछले कई सालों से जेल में बंद हैं। रघु और सिया दोनों पुलिस के खुफिया एेंटी टेरेरिस्ट डिपार्टमेंट में एजेंट हैं। डिपार्टमेंट को अपने सूत्रों से खबर मिलती है स्टेट के चीफ मिनिस्टर की जान को खतरा है। एटीडी का एसीपी (अरूणोदय सिंह) चीफ मिनिस्टर की सुरक्षा की जिम्मेदारी रघु को सौंपता है। हालात ऐसे बनते हैं कि एक मीटिंग में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे सीएम को रघु सभी के सामने अपनी गोलियों से भून डालता है। रघु को गिरफ्तार कर लिया जाता है और एक बंद पड़ी फैक्ट्री में ले जाया जाता है जहां हुए एक भीषण विस्फोट के बाद मीडिया में रघु के मारे जाने की खबर आती है। रघु इस हादसे के बाद भी बच जाता है लेकिन बुरी तरह से जले रघु के शरीर में केमिकल रिएक्शन का ऐसा असर होता है कि रघु अदृश्य रहकर अपने दुश्मनों का सफाया करता है।

ऐक्टिंग : रघु के किरदार में इमरान हाशमी ने एकबार फिर वहीं किया जो अब तक करते आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ हैरतअंगेज एक्शन करके अपने फैंस को चौंकाया है इस फिल्म से पहले इशक फिल्म में नजर आई अमायरा दस्तूर ने अपने रोल को बस ठीकठाक निभाया है तो अरूणोदय सिंह के चहेरे पर स्टार्ट टू लॉस्ट एक जैसे एक्सप्रेशन नजर आने का असर है कि दर्शक अरूणादेय की स्क्रीन पर पहली एंट्री के साथ ही फिल्म का क्लाइमेक्स समझ जाते हैं।

डायरेक्शन : इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत फिल्म के 3डी स्पेशल इफ़ेक्ट्स हैं जो आपको फिल्म और किरदारों के साथ बांधने का काम करते हैं, ऐसा लगता है डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठने के बावजूद विक्रम ने अपना ज्यादा ध्यान 3डी एंगल पर ही लगाया। केपटाउन साउथ अफ्रीका में शूट चंद कार रेस और एक्शन सीन्स विक्रम ने अच्छे ढंग से पेश किए हैं। काश, विक्रम अपनी कहानी को शूटिंग फ्लोर पर ले जाने से पहले कंप्लीट होमवर्क करते तो बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का रिस्पांस ज्यादा बेहतर रहता।

संगीत : बेशक रिलीज से पहले इस फिल्म का कोई गाना यंगस्टर्स में ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाया हो, लेकिन इन गानों का फिल्माकंन अच्छा बन पड़ा है, अब जब फिल्म में सीरियल किसर इमरान हाशमी हैं तो गानों में किस ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता।

क्यों देखें : बेहतरीन लोकेशंस और लाजवाब 3डी तकनीक के इस्तेमाल के लिएृए इसे देख सकते हैं। इमरान हाशमी ने एक बार फिर अपनी सीरियल किसर की इमेज से हटकर कुछ नया करने की कोशिश की है।

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