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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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खाली पीली

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पल्लबी डे पुरकायस्थ
बॉलिवुड में एक दौर था जबकि कुछ 2-3 कहानियों को ही हेर-फेर करके एक मसाला मूवी तैयार की जाती थी। ऐसी फिल्म में कुछ कॉमिडी होती थी, कुछ मेलोड्रामा, कुछ फाइट और वकील 'कड़ी से कड़ी सजा' की मांग करते हुए दिखाई देते थे। इस मसाला फॉर्म्यूला को बॉक्स ऑफिस सक्सेस की गारंटी माना जाता था। डायरेक्टर मकबूल खान ने अपनी फिल्म 'खाली पीली' में इन्हीं सब मसाला फॉर्म्यूला का इस्तेमाल किया है।

कहानी: एक रात विजय चौहान उर्फ ब्लैकी (ईशान खट्टर) की टैक्सी में अचानक एक बेहद खूबसूरत लड़की (पूजा) आ जाती है जिसके पीछे कुछ गुंडे लगे हुए हैं। पूजा अपनी शादी से भागी है और उसके बैग में बहुत सारा कैश और जूलरी है। इसके बाद शुरू होता है इन दोनों का टैक्सी में एक सफर जिसमें ऐक्शन और रोमांस जैसे खूब सारे मसाले डाले गए हैं।

रिव्यू: फिल्म में ब्लैकी के किरदार में ईशान खट्टर 80 और 90 के दशक के रजनीकांत और अमिताभ बच्चन का मिला-जुला रूप लगते हैं। फिल्म के पहले सीन से ही आपको अंदाजा लग जाता है कि आप फिल्म में आगे क्या देखने वाले हैं। फिल्म में गोलियों की बौछार के बीच हीरो को एक भी गोली नहीं लगती है। फिल्म में मकबूल खान ने खूब बॉलिवुड के मसाला डायलॉग्स डाले हैं। फिल्म में ईशान और अनन्या के बीच आपको वो केमिस्ट्री देखने को नहीं मिलेगी जिसकी आप उम्मीद कर रहे होंगे। फिल्म में दोनों के बीच एक किस सीन भी डाला गया है जो बेहद अजीब लगता है।

फिल्म की कहानी बीच-बीच में फ्लैशबैक में चली जाती है और इसके बोछिल इमोशनल सीन फिल्म की कहानी की रफ्तार पर ब्रेक लगा देते हैं। हालांकि फिर भी ईशान ने ब्लैकी के किरदार के लिए काफी मेहनत की है। फिल्म के गानों में उनकी डांस स्किल भी दिखाई देती है और आपको शाहिद कपूर के पुराने दिन याद आ जाएंगे। अनन्या ग्लैमरस लगी हैं लेकिन उनके लुक में आप मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की एक लड़की को इमैजिन नहीं कर सकेंगे।

हालांकि फिल्म में इंस्पेक्टर तावडे और भीम के किरदरा में जाकिर हुसैन और सतीश कौशिक ने कॉमिडी का तड़का भरपूर लगाया है। यूसुफ चिकना (जयदीप अहलावत) फिल्म का विलन है और उनकी परफॉर्मेंस हमेशा की तरह सॉलिड है। अपनी छोटी सी भूमिका में स्वानंद किरकिरे छाप छोड़कर जाते हैं। फिल्म में 3 गाने हैं और उनका म्जूजिक विशाल-शेखर ने अच्छा दिया है लेकिन शायद फिल्म में उनकी जरूरत ही नहीं थी।

क्यों देखें: वीकेंड पर खाली हैं और मसाला फिल्मों को शौकीन हैं तो इसे देख सकते हैं।

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