शुक्रवार तीन सितंबर को भारत के सिनेमा हॉल में रिलीज हुई 'शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्ज' (Shang-Chi and the Legend of the Ten Rings) किसी एशियाई सितारे (सीमू लियू) को लीड किरदार में लेकर बनी मार्वेल की पहली फिल्म है। मार्वल कॉमिक्स के फैंस बखूबी जानते हैं कि शांग ची कौन है? लेकिन वे इस बात से नावाकिफ हैं कि उसका बीता हुआ कल कैसा था? मार्वेल द्वारा इस किरदार पर बनी पहली फिल्म में शांग ची के अतीत को दर्शाया गया है और कहानी का यह पहलू मार्वल किरदार के दीवानों के लिए दिलचस्प साबित होता है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद खुले थिएटर्स में बेल बॉटम और चेहरे जैसी बड़ी स्टारकास्ट वाली हिंदी फिल्मों के बाद शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्ज का प्रदर्शन सुपर हीरो के प्रेमियों के लिए खुशी की लहर लेकर आया है। यह फिल्म भारत में अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ जैसी चार भाषाओं में रिलीज हुई है।
कहानी
फिल्म की कहानी अतीत में रिश्तों के उन ताने-बानों को दर्शाती है, जो दुख और पीड़ा से लिपटे हुए हैं। हालांकि कहानी की शुरुआत दो मस्तमौला दोस्तों सीन (सीमू लियू) और केटी(अक्वाफिना) की नोक-झोंक से शुरू होती है। ये दो गहरे दोस्त अपने परिवार और कार पार्किंग की अपनी नौकरी में मस्त हैं कि तभी इनकी जिंदगी में भूचाल आ जाता है, जब कुछ मायावी शक्ति से लैस लोग सीन का लॉकेट छीनना चाहते हैं। अपने लॉकेट, बस यात्रियों और केटी को बचाने के चक्कर में सीन जो लड़ाई लड़ता है, उससे उसकी असली पहचान उजागर हो जाती है कि वह कोई आम लड़का नहीं बल्कि सुपर हीरो है। वहीं से सीन अपने उस अतीत का सामना करने को मजबूर हो जाता है, जिसे वो दस साल पहले छोड़ आया था। असल में पूरे दस साल बाद सीन को उसके पिता (टोनी लियुंग) का बुलावा आता है, जो न केवल टेन रिंग्ज का लीडर है बल्कि सैकड़ों साल जी चुका चमत्कारिक शक्तियों वाला जांबाज योद्धा है। अपनी पत्नी और सीन की मृत मां को जिंदा घर लाने के लिए वह सीन, केटी और उसकी बहन को बंदी बनाकर अपने कब्जे में कर लेता है। सीन यह जान चूका है कि उसका पिता उसकी मां के मोह में अंधे होकर बुराई के रास्ते पर चल निकला है और उसकी मां के गांव को तबाह करके बुराई के एक ऐसे द्वार को खोलने जा रहा है, जो समस्त मानव जाति के विनाश का कारण बन सकता है। क्या सीन अपने पिता को अच्छाई की राह पर लौटा कर दुनिया को विनाश से बचा पाएगा? इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
मार्वल स्टूडियोज सुपर हीरोज के मामले में हमेशा से उस्ताद रहा है, मगर इस सीजन में जब उसकी दो वेब सीरीज 'वांडा विजन' और 'डा फाल्कन एंड द विंटर सोल्जर' फैंस को उतना नहीं लुभा पाईं, तो स्टूडियो अपने एक अन्य कॉमिक बुक सुपर हीरो शांग ची को ले आई और इसमें दो राय नहीं कि निर्देशक डेस्टिन डेनियल क्रेटन ने पूर्व की संस्कृति, सभ्यता, पौराणिक मूल्यों और मार्शल आर्ट्स को बखूबी परोसा है। पिता-पुत्र के रिश्तों का द्वंद्व एमसीयू (मार्वल सिनेमटिक युनिवर्स) की फिल्मों का सेंट्रल पॉइंट होता है और यहां भी उसे भुनाया गया है। फिल्म के पहले भाग में जहां मॉडर्न मार्शल आर्ट के हैंड टू हैंड कॉम्बेट में सांसें तेज हो जाती हैं, वहीं मध्यांतर के बाद जब कहानी सीन की मां के तिलिस्मी गांव की और बढ़ती है, तब विजुअल्स देख कर दर्शक चकित हुए बिना नहीं रह पाता। डेव कैलाहम के साथ मिलकर क्रेटन ने बैक स्टोरी के रूप में इमोशनल कहानी बुनी है, मगर वो इमोशन्स उस तरह से झकझोर नहीं पाते। फाइट और विजुअल्स की दृष्टि से फिल्म का क्लाइमेक्स दमदार है, मगर फिल्म का पेस बहुत तेज है। हां, विलियम पोप की सिनेमैटोग्राफी से ये कहानी परदे पर जीवंत हो उठी है। फिल्म का संगीत कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
प्लैटॉनिक लव को दर्शाती सीमू लियू और अक्वाफिना की केमेस्ट्री परदे पर सजती है। एक आम लड़के से लेकर सुपर हीरो के टांसफॉर्मेशन को सीमू लियू ने बहुत खूबी से दर्शाया है। उनकी मासूमियत और चपलता देखते बनती है। दमदार विलेन के रूप में आइकॉनिक टोनी लियुंग करिश्मे को बरकरार रख पाते हैं। एक कठोर पिता के रूप में बेटे सीमू के साथ फाइट सीक्वेंस में इन दोनों को देखना मजेदार होता है। फाला चेन के साथ उनकी जुगलबंदी भली लगती है। मिशेल येओह को छोटा किरदार देकर ज़ाया कर दिया गया है।
क्यों देखें- मार्वल किरदारों के चाहने वाले और पहले एशियन सुपर हीरो को जानने की उत्सुकता रखने वाले फैन्स यह फिल्म देख सकते हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी अतीत में रिश्तों के उन ताने-बानों को दर्शाती है, जो दुख और पीड़ा से लिपटे हुए हैं। हालांकि कहानी की शुरुआत दो मस्तमौला दोस्तों सीन (सीमू लियू) और केटी(अक्वाफिना) की नोक-झोंक से शुरू होती है। ये दो गहरे दोस्त अपने परिवार और कार पार्किंग की अपनी नौकरी में मस्त हैं कि तभी इनकी जिंदगी में भूचाल आ जाता है, जब कुछ मायावी शक्ति से लैस लोग सीन का लॉकेट छीनना चाहते हैं। अपने लॉकेट, बस यात्रियों और केटी को बचाने के चक्कर में सीन जो लड़ाई लड़ता है, उससे उसकी असली पहचान उजागर हो जाती है कि वह कोई आम लड़का नहीं बल्कि सुपर हीरो है। वहीं से सीन अपने उस अतीत का सामना करने को मजबूर हो जाता है, जिसे वो दस साल पहले छोड़ आया था। असल में पूरे दस साल बाद सीन को उसके पिता (टोनी लियुंग) का बुलावा आता है, जो न केवल टेन रिंग्ज का लीडर है बल्कि सैकड़ों साल जी चुका चमत्कारिक शक्तियों वाला जांबाज योद्धा है। अपनी पत्नी और सीन की मृत मां को जिंदा घर लाने के लिए वह सीन, केटी और उसकी बहन को बंदी बनाकर अपने कब्जे में कर लेता है। सीन यह जान चूका है कि उसका पिता उसकी मां के मोह में अंधे होकर बुराई के रास्ते पर चल निकला है और उसकी मां के गांव को तबाह करके बुराई के एक ऐसे द्वार को खोलने जा रहा है, जो समस्त मानव जाति के विनाश का कारण बन सकता है। क्या सीन अपने पिता को अच्छाई की राह पर लौटा कर दुनिया को विनाश से बचा पाएगा? इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
मार्वल स्टूडियोज सुपर हीरोज के मामले में हमेशा से उस्ताद रहा है, मगर इस सीजन में जब उसकी दो वेब सीरीज 'वांडा विजन' और 'डा फाल्कन एंड द विंटर सोल्जर' फैंस को उतना नहीं लुभा पाईं, तो स्टूडियो अपने एक अन्य कॉमिक बुक सुपर हीरो शांग ची को ले आई और इसमें दो राय नहीं कि निर्देशक डेस्टिन डेनियल क्रेटन ने पूर्व की संस्कृति, सभ्यता, पौराणिक मूल्यों और मार्शल आर्ट्स को बखूबी परोसा है। पिता-पुत्र के रिश्तों का द्वंद्व एमसीयू (मार्वल सिनेमटिक युनिवर्स) की फिल्मों का सेंट्रल पॉइंट होता है और यहां भी उसे भुनाया गया है। फिल्म के पहले भाग में जहां मॉडर्न मार्शल आर्ट के हैंड टू हैंड कॉम्बेट में सांसें तेज हो जाती हैं, वहीं मध्यांतर के बाद जब कहानी सीन की मां के तिलिस्मी गांव की और बढ़ती है, तब विजुअल्स देख कर दर्शक चकित हुए बिना नहीं रह पाता। डेव कैलाहम के साथ मिलकर क्रेटन ने बैक स्टोरी के रूप में इमोशनल कहानी बुनी है, मगर वो इमोशन्स उस तरह से झकझोर नहीं पाते। फाइट और विजुअल्स की दृष्टि से फिल्म का क्लाइमेक्स दमदार है, मगर फिल्म का पेस बहुत तेज है। हां, विलियम पोप की सिनेमैटोग्राफी से ये कहानी परदे पर जीवंत हो उठी है। फिल्म का संगीत कहानी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
प्लैटॉनिक लव को दर्शाती सीमू लियू और अक्वाफिना की केमेस्ट्री परदे पर सजती है। एक आम लड़के से लेकर सुपर हीरो के टांसफॉर्मेशन को सीमू लियू ने बहुत खूबी से दर्शाया है। उनकी मासूमियत और चपलता देखते बनती है। दमदार विलेन के रूप में आइकॉनिक टोनी लियुंग करिश्मे को बरकरार रख पाते हैं। एक कठोर पिता के रूप में बेटे सीमू के साथ फाइट सीक्वेंस में इन दोनों को देखना मजेदार होता है। फाला चेन के साथ उनकी जुगलबंदी भली लगती है। मिशेल येओह को छोटा किरदार देकर ज़ाया कर दिया गया है।
क्यों देखें- मार्वल किरदारों के चाहने वाले और पहले एशियन सुपर हीरो को जानने की उत्सुकता रखने वाले फैन्स यह फिल्म देख सकते हैं।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।