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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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मूवी रिव्‍यू: स्‍पाइडरमैन- नो वे होम

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कहानी
दुनिया को पता चल चुका है कि पीटर पार्कर (टॉम हॉलैंड) ही स्‍पाइडर-मैन हैं। अब उसे इस कारण हो रही परेशानी से उबरना है। पीटर मदद के लिए डॉक्‍टर स्‍ट्रेंज (बेनेडिक्ट कम्बरबैच) की मदद लेता है। डॉक्‍टर स्‍ट्रेंज अपने जादू से इस परेशानी को दूर तो कर देते हैं, लेकिन इस कारण कई नई समस्‍याएं सामने आ जाती हैं, जो अब ज्‍यादा खतरनाक और ज्‍यादा बड़ी हैं।

रिव्‍यू
स्‍पइडर-मैन की पिछली फिल्‍म 'फार फ्रॉम होम' में जहां से पीटर पार्क की जिंदगी बदली थी, 'नो वे होम' वहीं से आगे बढ़ती है और समझाती है कि पीटर पार्कर के सच का दुनिया से छुपे रहना क्‍यों जरूरी है। यह न सिर्फ उसके लिए, बल्‍क‍ि उसके दोस्‍तों और हर उस इंसान के लिए महत्‍वपूर्ण है, जिनसे पीटर प्‍यार करता है। पीटर को मदद चाहिए, वह डॉक्‍टर स्‍ट्रेंज के पास पहुंचना है। चाहता है कि कुछ ऐसा हो कि सब पहले की तरह हो जाए। जादूगर डॉक्‍टर स्‍ट्रेंज अपनी शक्तियों का इस्‍तेमाल कर दुनिया को स्पाइडर-मैन की पहचान भूलने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन पीटर के लिए यह सौदा भारी पड़ता है।

वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब मार्वल के मल्‍टीवर्स में हमने स्पाइडर-मैन को देखा है। इससे पहले 'इन टू द स्पाइडर-वर्स' (2018) में हमने कई चौंकाने वाली चीजें देखीं। लेकिन दिलचस्‍प है कि इस बार यह उन सब से बड़ा है। MCU यानी मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में यह स्पाइडर-मैन की तीसरी फिल्म है जो ऐक्‍शन तो दिखाती ही है, लेकिन उससे दूर जाकर दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की भी कोश‍िश करती है। डायरेक्‍टर जॉन वाट्स ने इसे पर्दे पर अचानक नहीं किया है। फिल्‍म के बड़े कैनवस पर वह समय-समय पर हालात के अनुसार बिल्‍कुल माप-तौल कर ऐसा करते हैं। इस कारण फिल्‍म की लंबाई भी बढ़ जाती है। लेकिन डायरेक्‍टर जॉन वाट्स को इससे तकलीफ नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे सीन जरूर हैं, जो दर्शकों को जोड़ने में नाकामयाब होते हैं, लेकिन अध‍िकतर सीन्‍स में वह ऑडियंस संग इमोशनल कनेक्‍ट बनाने में सफल रहे हैं।


फिल्‍म में ऐसे कई किरदार हैं, जो पुराने हैं। कई नए कैरेक्‍टर्स भी हैं। सभी ने अपना काम बखूबी किया है और डायरेक्‍टर की चाहत को पूरा करने में एक-दूसरे का सहयोग करते नजर आते हैं। अल्फ्रेड मोलिना और विलेम डैफो इस बात को फिल्‍म में पुख्‍ता करते हैं कि क्‍यों ओटो ऑक्टेवियस और नॉर्मन ओसबोर्न को न सिर्फ स्पाइडर-मैन की फिल्मों, बल्कि सुपरहीरोज की पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक विलन माना जाना चाहिए। फिल्‍म के स्‍क्रीनप्‍ले में जेमी फॉक्स के मैक्स डिलन/इलेक्ट्रो के किरदार को भी अच्‍छे से भुनाया गया है।

टॉम हॉलैंड के रूप में पीटर पार्कर को इस फिल्म में उनकी अब तक की सबसे बड़ी और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक ऐक्‍टर के तौर पर वह इसे बेहतरीन तरीके से निभाते हैं। टॉम हॉलैंड साबित करते हैं कि वह अपने दम पर भी फिल्‍म को आगे बढ़ाने का माद्दा रखते हैं। फिल्‍म के बाकी कलाकारों को भी 2 घंटे 28 मिनट की इस लंबी फिल्‍म में पूरा स्‍पेस दिया गया है। फिल्‍म लंबी जरूर है, लेकिन डायरेक्‍टर ने इस रनटाइम का पूरा फायदा उठाया है।

स्पाइडर-मैन की पिछली फिल्‍मों को देखने के बाद 'नो वे होम' को देखना आपके लिए सहज हो जाता है। कई ऐसी चीजे हैं, जिसे आप पिछली फिल्‍म से कनेक्‍ट करते हैं। हालांकि, यह सच है कि 'नो वे होम' पूरी तरह से एक मास-ऑडियंस वाली स्पाइडर-मैन फिल्म है। स्‍पाइडर-मैन मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में एक ऐसा किरदार है, जो आपके किसी अच्‍छे पड़ोसी की तरह है। यह जरूरी भी है और एंटरटेनिंग भी। मार्वल ने कोश‍िश की है कि एवेंजर की टीम के इस सबसे छोटे सुपरहीरो को लोगों का भरपूर प्‍यार मिले। फिल्‍म यह असर छोड़ने में सफल रही है।

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