रेणुका व्यवहारे
पिछले काफी दिनों से यामी गौतम, नेहा धूपिया, अतुल कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म 'अ थर्सडे' तब चर्चा में आ गई जब इसका ट्रेलर रिलीज हुआ। यह एक सस्पेंस थ्रिलर मूवी है जिसमें हॉस्टेज ड्रामा दिखाया गया है। एक तरह से इसे नीरज पांडे की सुपरहिट फिल्म 'अ वेंन्सडे' के सीक्वल के तौर पर माना जा सकता है।
कहानी: फिल्म की कहानी एक बच्चों की स्कूल टीचर नैना जायसवाल (यामी गौतम) के इर्द-गिर्द घूमती है। नैना तब मुंबई पुलिस और मीडिया के चर्चा में आ जाती है जब वह कहती है कि उसने 16 बच्चों को अगवा कर लिया है। इसके बाद वह वॉर्निंग देती है कि जब तक मुंबई पुलिस का सुपरकॉप जावेद खान (अतुल कुलकर्णी) उसकी मांगे नहीं मानता है तब तक बच्चों की जान खतरे में है। नैना और पुलिस के बीच चूहे-बिल्ली का खेल ही फिल्म की कहानी।
रिव्यू: पिछले कुछ दिनों में बॉलिवुड में महिलाओं के सशक्त किरदार लिखे जा रहे हैं। डायरेक्टर बेहजाद खंबाटा ने फिल्म के लिए यामी गौतम का भी एक मजबूत किरदार लिखा है। यामी अपने करियर में पहली बार इतनी सशक्त भूमिका में नजर आ रही हैं। फिल्म के कुछ सीन काफी अच्छे बन पड़े हैं। फिल्म की कहानी तो अच्छी है लेकिन कहीं-कहीं पर स्क्रीनप्ले कमजोर लगता है। यह नीरज पांडे की 'अ वेन्सडे' के मुकाबले की तो नहीं है लेकिन फिर भी बांधे रखती है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक और स्लोमोशन के क्लोज-अप शॉट्स बचकाने लगते हैं। जब फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है इसमें टेक्निकल डीटेलिंग की कमी नजर आती है। आपको फिल्म की कहानी का अहसास पहले से ही होता है लेकिन फिर भी यह फिल्म आपको प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
ऐक्टिंग: यामी गौतम ने नैना के किरदार में जान डाल दी है। कहीं-कहीं पर ऐसा लगता है कि वह किरदार की बारीकी को नहीं समझ पा रही हैं लेकिन फिर भी वह अपने किरदार जरूरत के हिसाब से खुद को ढाल लेती हैं। डिंपल कपाड़िया और नेहा धूपिया के किरदार फिल्म में महत्वपूर्ण हैं और उन्होंने पावरफुल परफॉर्मेंस दी है। अतुल कुलकर्णी के टैलंट पर कभी सवाल ही नहीं उठाया जा सकता है। उन्हें जो किरदार दिया गया है उसे उन्होंने पर्फेक्ट तरीके से निभाया है।
क्यों देखें: हॉस्टेज ड्रामा वाली फिल्में पसंद हों और यामी गौतम के फैन हैं तो मिस न करें।
पिछले काफी दिनों से यामी गौतम, नेहा धूपिया, अतुल कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया की मुख्य भूमिकाओं वाली फिल्म 'अ थर्सडे' तब चर्चा में आ गई जब इसका ट्रेलर रिलीज हुआ। यह एक सस्पेंस थ्रिलर मूवी है जिसमें हॉस्टेज ड्रामा दिखाया गया है। एक तरह से इसे नीरज पांडे की सुपरहिट फिल्म 'अ वेंन्सडे' के सीक्वल के तौर पर माना जा सकता है।
कहानी: फिल्म की कहानी एक बच्चों की स्कूल टीचर नैना जायसवाल (यामी गौतम) के इर्द-गिर्द घूमती है। नैना तब मुंबई पुलिस और मीडिया के चर्चा में आ जाती है जब वह कहती है कि उसने 16 बच्चों को अगवा कर लिया है। इसके बाद वह वॉर्निंग देती है कि जब तक मुंबई पुलिस का सुपरकॉप जावेद खान (अतुल कुलकर्णी) उसकी मांगे नहीं मानता है तब तक बच्चों की जान खतरे में है। नैना और पुलिस के बीच चूहे-बिल्ली का खेल ही फिल्म की कहानी।
रिव्यू: पिछले कुछ दिनों में बॉलिवुड में महिलाओं के सशक्त किरदार लिखे जा रहे हैं। डायरेक्टर बेहजाद खंबाटा ने फिल्म के लिए यामी गौतम का भी एक मजबूत किरदार लिखा है। यामी अपने करियर में पहली बार इतनी सशक्त भूमिका में नजर आ रही हैं। फिल्म के कुछ सीन काफी अच्छे बन पड़े हैं। फिल्म की कहानी तो अच्छी है लेकिन कहीं-कहीं पर स्क्रीनप्ले कमजोर लगता है। यह नीरज पांडे की 'अ वेन्सडे' के मुकाबले की तो नहीं है लेकिन फिर भी बांधे रखती है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक और स्लोमोशन के क्लोज-अप शॉट्स बचकाने लगते हैं। जब फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है इसमें टेक्निकल डीटेलिंग की कमी नजर आती है। आपको फिल्म की कहानी का अहसास पहले से ही होता है लेकिन फिर भी यह फिल्म आपको प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
ऐक्टिंग: यामी गौतम ने नैना के किरदार में जान डाल दी है। कहीं-कहीं पर ऐसा लगता है कि वह किरदार की बारीकी को नहीं समझ पा रही हैं लेकिन फिर भी वह अपने किरदार जरूरत के हिसाब से खुद को ढाल लेती हैं। डिंपल कपाड़िया और नेहा धूपिया के किरदार फिल्म में महत्वपूर्ण हैं और उन्होंने पावरफुल परफॉर्मेंस दी है। अतुल कुलकर्णी के टैलंट पर कभी सवाल ही नहीं उठाया जा सकता है। उन्हें जो किरदार दिया गया है उसे उन्होंने पर्फेक्ट तरीके से निभाया है।
क्यों देखें: हॉस्टेज ड्रामा वाली फिल्में पसंद हों और यामी गौतम के फैन हैं तो मिस न करें।
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