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Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
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मूवी रिव्यू: द बैटमैन

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कहानी: जब गॉथम सिटी एक डिप्रेस्ड साइको किलर के चंगुल में आ जाता है तो वह बैटमैन ही है जो सबको बचाने का बीड़ा उठाता है और सबके सामने आता है। लेकिन क्या वह खुद और बाकियों को इस खतरनाक विलन से बचा सकता है, जो झूठों और भ्रष्ट को सजा देने के लिए कहीं भी नहीं रुकने वाला और उसपर बस एक ही जुनून सवार है कि उसे इस शहर को भ्रष्ट लोगों से मुक्त करना है।

रिव्यू: जहां तक कहानियों और प्लॉट लाइन की बात है, 'द बैटमैन' अन्याय के खिलाफ लड़ी जाने वाली ही कहानी है और राइटर- डायरेक्टर मैट रीव्स पहले ही सीन से आपका ध्यान दृश्य से आपका ध्यान खींच लेते हैं और फिर इसे कहीं भी बिखड़ने नहीं देते। इस बैटमैन रीबूट में, एक विलन रिड्लर है, जो बहुत ही खतरनाक है या यह भी कहते हैं कि अपने सुपरहीरो से ज्यादा खतरनाक है, जो भ्रष्ट लोगों के बस मौत के घाट उतारना जानता है। दोनों के बीच की यह टकराहट दिलचस्प है क्योंकि हम ऑडियंस इसमें उलझे रह जाते हैं कि किसकी तरफ जाएं।


बैटमैन यानी अरबपति ब्रूस वेन (रॉबर्ट पैटिनसन) मास्क पहनकर अपने काम से सुपरहीरो वाली ड्यूटी निभाने के लिए आ चुके हैं, लेकिन काफी सफाई से शहर के मेयर (रूपर्ट पेनरी-जोन्स) की हत्या ने अब उसकी प्रायॉरिटीज़ को बदल दिया है। बहुत जल्द ही काफी अधिक पावरफुल लोग भी मारे जाने लगते हैं और कहानी का प्लॉट और साजिश काफी गहराने लगती है। हर मर्डर के साथ किलर एक पहले की तरह सुराग छोड़ जाता है ताकि बैटमैन इसे सॉल्व करे। ऐसा करते हुए यह खूंखार विलन यानी रिड्लर (पॉल डानो) गॉथम सिटी के दो सबसे पावरफुल फैमिली से जुड़े गहरे और बेचैन करने वाले रहस्यों को भी सामने ला रहा है, जिनका बैटमैन के साथ गहरा कनेक्शन भी है। और इसलिए इस बार मामला थोड़ा पर्सनल है।

इस साइको किलर के साथ फिल्म में सूरज की रोशनी में शायद ही कोई सीन हों, जिसके पास मारने के कई नायाब तरीके हैं। यह हॉलिवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म जैसे 'Se7en'और 'Saw'की याद दिलाती है, जहां विलन एक चौकीदार की तरह है जिसकी पहचान छिपी है लेकिन उसका मकसद साफ होता है कि अब झूठ नहीं चलेगा। उसे रोक पाना काफी असंभव जैसा लगता है, क्योंकि वह लॉ एन्फोर्समेंट से एक कदम आगे चलता है और फिल्म का हीरो भी है, जिसे अक्सर जांच अधिकारी जेम्स गॉर्डन जेफरी राइट (Jeffrey Wright) घटना स्थल पर बुला लेते हैं और यह उनके सहयोगियों को बिल्कुल पसंद नहीं आता है। रीव्स और उनके को-राइटर पीटर क्रेग (Peter Craig) ने फिल्म के प्लॉट्स में कई ट्विस्ट रखे हैं ताकि वह ऑडियंस को बांधे रखने का काम मजबूती से करे। हालांकि, उनमें से कुछ बहुत कन्विन्सिंग नहीं हैं, जैसे सेलिना काइल यानी ज़ो क्रावित्ज़ (Zoë Kravitz) का ट्रैक - यह टेक्स्टबुक है, लेकिन इसपर पूरा यकीन कर पाना मुश्किल है।

ऐक्शंस काफी संघटित रूप से और एक तय अंतराल पर होती है, जिसमें घूंसे वाली मारपीट, विस्फोट और ड्रामेटिक अंदाज में कार चेज़ का सीन शामिल है और सब कुछ छोटी-छोटे टुकड़ों में दिखाया गया है, इसलिए यह ज्यादा असरदार नहीं बन पाता। रनटाइम लंबा है और कोई कॉमिक सीन बीच में नहीं और पूरी फिल्म में डार्कनेस फैला है, लेकिन हम शिकायत नहीं कर रहे हैं। बड़े खुलासे होने से पहले ऐसे कई सस्पेंस हैं जो आपको थामे रखते हैं।

रॉबर्ट पैटिसन विपरीत परिस्थितियों में भी शांत हैं और यह असरदार है। वह बैटमैन के सूट में काफी फुर्तीले और पावरफुल नजर आते हैं और इसके बिना भी उतना ही असुरक्षित जो हमेशा परेशान नजर आता है। पैटिसन के पास वो जादू है जिसका मुकाबला कर पाना मुश्किल है। ज़ोए क्रावित्ज़ निराश नहीं करती है, जो खुद को कैटवुमन अवतार में शानदार तरीके से ढाल लेती है। कॉलिन फैरेल (Colin Farrell) को पेंगुइन के रूप में पहचान पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन वह ही एक ऐसे किरदार हैं जो फिल्म में थोड़ी कॉमिडी से थोड़ी राहत देते हैं। पॉल डानो हर पल एक फ्रस्ट्रेटेड विलन है जिसका मकसद तो सही है लेकिन तरीका बिल्कुल गलत।

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