Quantcast
Channel: Movie Reviews in Hindi: फिल्म समीक्षा, हिंदी मूवी रिव्यू, बॉलीवुड, हॉलीवुड, रीजनल सिनेमा की रिव्यु - नवभारत टाइम्स
Viewing all articles
Browse latest Browse all 508

मूवी रिव्यू: धाकड़

$
0
0

एक लंबे अरसे से हम हिंदी सिनेमा में स्पाई और सुपर सीक्रेट एजेंट की सीरीज में सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार सरीखे नायकों को कमान संभालते देखते आए हैं, ऐसे में कंगना रनौत जैसी समर्थ अभिनेत्री को हाई ऑक्टेन ऐक्शन से सजी स्पाई फिल्म 'धाकड़' में लीडिंग लेडी के रूप में देखना निसंदेह एक बड़ा चेंज साबित होता है। फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही टोरेन्टीनो स्टाइल के धुंआदार ऐक्शन को देखते हुए कंगना की इस फिल्म के लेकर दर्शकों की अपेक्षाएं बढ़ी हुई थीं। इसमें कोई शक नहीं कि ऐक्शन के मामले में यह फिल्म बाजी मार ले जाती है, मगर इमोशन के मामले में कमजोर साबित होती है। फिल्म के लिए एक दूसरी चुनौती है, इसी के साथ रिलीज होने वाली 'भूल भुलैया 2' जो हॉरर कॉमिडी है, जिसे हर वर्ग का दर्शक देख सकता है, मगर कंगना की धाकड़ को 'ए' सर्टिफिकेट दिया गया है, तो इसे मात्र 18 साल से ऊपर के दर्शक ही देख सकते हैं।

कहानी: अग्नि (कंगना रनौत) इंटरनैशनल टास्क फोर्स की जांबाज एजेंट है। बचपन में उसके माता-पिता को कत्ल कर दिया गया था और पिता की मौत का अग्नि पर गहरा असर पड़ा है। अक्सर उसके जेहन में ये सवाल कौंधता रहता है कि उसके माता-पिता को क्यों मारा गया था? माता-पिता की मौत के बाद उसे सीक्रेट सर्विस के चीफ (शास्वत चटर्जी) ने न केवल उसे पाल-पोसकर बड़ा किया बल्कि उसे एक निडर स्पाई का प्रशिक्षण भी दिया। अग्नि को एक ऐसे खतरनाक मिशन पर भेजा जाता है, जहां उसे एशिया के सबसे बड़े ह्यूमन ट्रेफिकिंग सिंडिकेट का पता लगाना है, जिसके तार मध्य भारत की कोयला खदानों से जुड़े हैं। इस मिशन के तहत उसे सिंडिकेट के खूंखार सरगना रुद्रवीर (अर्जुन रामपाल) का सुराग हासिल करना है। असल में रुद्रवीर पिछले 10 सालों से खुफिया एजेंसियों की पकड़ से दूर है। रुद्रवीर के इस काले धंधे में उसकी साथी है क्रूर और निर्दयी रोहिणी (दिव्या दत्ता) जो हंसते-हंसते किसी की भी जान ले सकती है। अग्नि के इस खतरनाक मिशन में जब शारिब हाशमी उसका साथ देता है, तो उसे मार दिया जाता है। कहीं न कहीं शारिब की नन्हीं बेटी जायरा अग्नि को उसके बचपन की याद दिलाती है। अग्नि जब अपनी जान हथेली पर रख कर इस खतरनाक मिशन पर निकलती है, तो अपने पहले प्रयास में उसे मुंह की खानी पड़ती है, मगर अब घायल शेरनी बन चुकी अग्नि अपने दुश्मनों के लिए और ज्यादा खतरनाक है। अब रुद्रवीर का खात्मा करना अग्नि के लिए और भी जरूरी है, क्योंकि मासूम जायरा उसकी कैद में है। तब कहानी में ऐसा ट्विस्ट आता है कि अग्नि के होश उड़ जाते हैं? क्या है वो ट्विस्ट? क्या अग्नि रुद्रवीर को पकड़ पाती है? क्या वह जायरा को बचा पाती है? क्या उसे अपने माता-पिता के कातिलों का सुराग मिल पाता है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

रिव्यू: निर्देशक रजनीश रैजी घई की फिल्म हॉलिवुड स्टाइल के थर्रा देने वाले ऐक्शन सीक्वेंस और हैरतअंगेज विजुअल्स को परोसती है। फिल्म का तकनीकी पक्ष मजबूत है, कैमरावर्क (कैमरामैन टैटसुओ नागाटा) की ब्लैक एंड वाइट और धूसर बानगी देखते बनती है, मगर निर्देशक कहानी के मामले में कमजोर साबित हुए हैं। माता-पिता की मौत का बदला लेनेवाला इमोशन हो या मासूमों की जिस्मफरोशी का मुद्दा, कहीं न कहीं कथा-पटकथा आपको भावनात्मक रूप से जोड़ने में कमतर साबित होती है। फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहतर हो सकता था। बिना किसी लव एंगल की 2 घंटे 10 मिनट की अवधि वाली यह फिल्म तेज रफ्तार ऐक्शन के बावजूद लंबी लगने लगती है। संगीत पक्ष की बात करें, तो बादशाह के 'शी इज ऑन फायर' के अलावा दूसरे गाने निराश करते हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स प्रिडिक्टेबल साबित होता है।

यह फिल्म पूरी तरह से कंगना की है। 'जिस्म से रूह अलग करना बिजनस है मेरा' डायलॉग बोलने वाली कंगना वाकई एजेंट अग्नि के रूप में ऐक्शन के मामले में अच्छे-अच्छों की छुट्टी करती नजर आती हैं। हाई ऑक्टेन ऐक्शन में उनकी चपलता, एक्प्रेशन और लुक देखते बनता है। हैंड टू हैंड कॉम्बैट में भी वे कहीं से उन्नीस साबित नहीं होती। अपनी भूमिका में उन्होंने ग्लैमर का तड़का भी दिया है। रुद्रवीर के रूप अर्जुन रामपाल का विलेनिश अंदाज दमदार है। उन्होंने इसे अपने लुक और लोरी के जरिए अलग बनाने की कोशिश की है। रोहिणी के रूप में दिव्या दत्ता ने जिस क्रूरता का परिचय दिया है, वह उनके समर्थ अभिनेत्री होने को एक बार और साबित करता है। एक अरसे बाद पर्दे पर नजर आए शारिब हाशमी ने अपनी छोटी-सी भूमिका के साथ न्याय किया है, मगर उन्हें थोड़ा और ज्यादा स्क्रीन स्पेस दिया जाना चाहिए था। बॉब बिस्वास के रूप में फेमस शास्वत चटर्जी एक बार फिर चौंकाने में कामयाब रहे हैं।

क्यों देखें: केवल ऐक्शन फिल्मों के शौकीन और कंगना के फैंस यह फिल्म देख सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 508

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>