बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट बजरंगी भाईजान ने पाकिस्तान को अलग नजरिए से पेश किया। फिल्म ने दोनों देशों में जबर्दस्त बिज़नस भी किया। कबीर की नई फिल्म फैंटम को पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने बिना देखे ही बैन कर दिया। दरअसल, प्रॉडक्शन कंपनी ने इसे मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले पर आधारित बताते हुए प्रमोशन शुरू की थी। यही वजह है कि पाक सेंसर बोर्ड ने स्क्रीनिंग के बिना ही फिल्म को बैन कर दिया। कबीर खान ने इस फिल्म से नेताओं को जो मेसेज देने की पहल की है, शांति और भाईचारे के नारों के बीच वे शायद ही इसे पसंद कर पाते।
कहानी : यह फिल्म 26/11 अटैक के बाद बनाए गए एक सीक्रेट मिशन के बारे में है। इसकी इजाजत सरकार के नुमांइदे देने को राजी नहीं हैं, क्योंकि ऐसा मिशन दो देशों के रिश्तों में हमेशा के लिए खटास पैदा कर सकता है। सरकार की मंजूरी के बिना ही इंडियन सीक्रेट सर्विस के हेड रॉय (सव्यसांची मुखर्जी) ऐसे खतरनाक मिशन को ग्रीन सिग्नल दे देते हैं। रॉय इस सीक्रेट मिशन के लिए दानियाल खान (सैफ अली खान) को चुनते हैं, जिन्हें आर्मी से निकाला जा चुका है। यही वजह है दानियाल के सेना से रिटायर पिता ने बेटे से बात करना बंद कर दिया है। अपना खोया हुआ सम्मान हासिल करने और पिता को काबिलियत दिखाने के लिए दानियाल मिशन की कमान संभालता है। मिशन के लिए लंदन पहुंचने पर दानियाल की मुलाकात नवाज मिस्त्री (कटरीना कैफ) से होती है। मिस्त्री भी उसके मिशन का हिस्सा बन जाती है। दानियाल और मिस्त्री अपने मिशन को पूरा करने के लिए लंदन, सीरिया, जर्काता होते हुए पाकिस्तान पहुंचकर मुंबई अटैक के दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में कामयाब होते हैं।
ऐक्टिंग : पिछले कुछ अर्से में एक के बाद कई फ्लॉप दे चुके सैफ अली खान ने इस बार यकीनन बेहतरीन ऐक्टिंग की है। उन्होंने किरदार को जीवंत बनाया है। ऐक्शन सीन्स के लिए यकीनन सैफ ने जबर्दस्त मेहनत की है। पारसी लड़की नवाज मिस्त्री बनीं कटरीना के कुछ ऐक्शन सीन्स उनकी पिछली फिल्म एक था टाइगर की याद दिलाते हैं। रांझना, तनु वेड्स मनु रिर्टन्स के बाद ऑल इज वेल में नजर आए मोहम्मद जीशान अयूब ने इस बार भी अपने किरदार को कुछ ऐसे ढंग से पेश किया है, जो आपको बांधे रखता है। सीक्रेट सर्विस के हेड रॉय के किरदार में सव्यसांची मुखर्जी ने बेहतरीन ऐक्टिंग की है।
डायरेक्शन : कबीर खान की खासियत है कि वह हमेशा फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले पर पूरा काम करने के बाद ही शूटिंग शुरू करते हैं। फिल्म की शुरुआत जबर्दस्त है। इंटरवल के बाद अचानक कहानी कुछ भटकती नजर आती है। क्लाइमैक्स बेवजह लंबा खींचा गया है। कबीर ने कई देशों में शूटिंग कर सीन्स और बैकग्राउंड को तो दमदार बनाया, लेकिन क्लाइमैक्स में वैसा कमाल नहीं दिखा पाए। ऐक्शन सीन्स जबरदस्त और हैरतअंगेज हैं। कहानी को बेवजह इमोशनल टच देने की कोशिश बेकार लगती है। तारीफ करनी होगी कि सभी किरदारों के लिए कलाकारों का सही चयन किया गया है।
संगीत : फिल्म के गाने माहौल और सीन्स की डिमांड के मुताबिक हैं। कबीर खान की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने इन गानों को भी कहानी का हिस्सा बनाकर पेश किया।
क्यों देखें : कबीर खान ने जो मेसेज दिया है, फिल्म देखकर हॉल में बैठा हर दर्शक दिल से यही दुआ करता है कि कबीर ने सिल्वर स्क्रीन पर जो कर दिखाया, काश ऐसा रीयल लाइफ में भी हो जाए। अगर अगर आप सैफ, कटरीना के फैन हैं तो फिल्म जरूर देखें।
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